राहुल जौहरी की लैंगिक संवेदनशील मामलों पर जाँच हुई है वैसे तो यह जो सिफारिश है वह सीईओ के ऊपर बाध्यकारी नहीं थी वो इसलिए क्योंकि पिछले साल नवंबर के दौरान उन्हें सर्वसम्मति से आरोपरहित किया गया था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी को सत्र में लैंगिक संवेदनशील की कॉउंसलिंग से गुजारना पड़ रहा है। एवं इस बात की सिफारिश स्वतंत्र समिति की सदस्य एवं जानी-मानी वकील वीना गौड़ा ने की थी। वैसे तो यह सिफारिश राहुल के लिए बाध्यकारी नहीं थी क्योंकि वे फिछले साल नंबर में ही इस आरोप से मुक्त हो चुके थे। वैसे तो इस समिति के अंतर्गत वीना गौड़ा के साथ-साथ न्यायमूर्ति राकेश शर्मा और बरखा सिंह भी थे।
बीसीसीआई की आंतरिक शिकायत समिति की सिफारिश करने वाली भी स्वतंत्र सदस्य वीना गौड़ा ही थीं। और इसी सिफारिश के चलते एवं इसकी की आधार स्वरुप रेनमेकर’ नामक कंपनी ने मंगलवार को बीसीसीआई मुख्यालय में मुंबई में राहुल जौहरी के साथ एक सत्र का आयोजन भी किया। रेनमेकर को पोश के लिए जाना जाता है एवं पोश मतलब “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव”। राहुल जौहरी के साथ -साथ ही रेनमेकर ने कार्यस्थल की दस महिलाओं के साथ भी एक सत्र का आयोजन किया ताकि यौन उत्पीड़न के बारे में इन्हे अवगत कराया जा सके।
राहुल जौहरी के खिलाफ एक अज्ञात व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, वैसे तो बाद में यह पोस्ट हटा दी गयी थी लेकिन यह मामला बड़ा और संगीन हो गया था। इस समय जौहरी इन सभी मामलों से आजाद हैं एवं इनको नवंबर में आरोपमुक्त कर दिया गया था। अभी हाल में फिर मामले की सिफारिश पर जौहरी की कॉउंसलिंग की गयी। इस समय यह मामला तूल पकड़ा हुआ है लेकिन इनके खिलाफ कुछ साबित नहीं हो पाया है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एक बहुत ही संगीन जुर्म है और इसके ही मामले में फंसे राहुल जौहरी की कॉउंसलिंग की गयी। एवं सिरारीश के चलते जौहरी बध्याकरी नहीं लेकिन इन्होने स्वेक्षा से इसमें हिस्सा लिया और इस कॉउंसलिंग में सहयोग किया।वैसे अगर कार्यस्थल पर इस प्रकार की कोई गतिविधि होती है तो वह गलत है एवं इसके लिए कुछ नियम एवं कानून निर्धारित किये गए। इस सत्र के दौरान महिलों कर्मचारियों को भी इस बात से अवगत कराया गया। ताकि वे जागृत हों एवं सुरक्षित रहें।
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